वरिष्ठ समाजसेवी अपना दल यस की जिलाध्यक्ष अनिता पटेल,मीणा मुखर्जी, पत्रकार ज्योति केशरी,सुषमा मौर्या ने बताया कि सनातन परंपरा में जिस गुरु का स्थान ईश्वर से भी ज्यादा माना गया है।
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आज मनाई जा रही गुरु पूर्णिमा, समाजसेवियों ने बताया इसका धार्मिक महत्व और मुहूर्त |
वाराणसी। वरिष्ठ समाजसेवी अपना दल यस की जिलाध्यक्ष अनिता पटेल,मीणा मुखर्जी पत्रकार ज्योति केशरी,सुषमा मौर्या ने बताया कि सनातन परंपरा में जिस गुरु का स्थान ईश्वर से भी ज्यादा माना गया है, उनकी पूजा के लिए हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा का दिन सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है।
मान्यता है कि यदि इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा का महापर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार को मनाया जा रही। हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यही कारण है कि इस पावन पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
माया जायसवाल, निशा मिश्रा,ने बताया कि गुरु पूर्णिमा हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करने के लिए स्नान-ध्यान करने के बाद उनके स्थान पर जाकर उन्हें प्रणाम करके विधि-विधान से पूजन करना चाहिए।
यदि आप गुरु दिवंगत हो चुके हैं या फिर आप किसी कारण से अपने गुरु के पास उनके स्थान पर नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चित्र का पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें। गुरु पूजा करने के बाद उसमें हुई भूलचूक के लिए माफी मांगते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।