PM नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र समेत कई जिलों में एटीएम (आटोमेटेड टेलर मशीन) स्वचलित मुद्रा गणक यन्त्र उपभोक्ताओं के लिए छलावा ही साबित हो रहे हैं।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र समेत कई जिलों में एटीएम (आटोमेटेड टेलर मशीन) स्वचलित मुद्रा गणक यन्त्र सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए छलावा ही साबित हो रहे हैं। कारण साफ है कि अधिकांश एटीएम से सिर्फ 500- 500 रुपये के ही नोट निकल रहें हैं, जिसको लेकर के उपभोक्ताओं ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
बताते चले कि यदि किसी उपभोक्ता को 100, 200 400 या 700, 800 की आवश्यकता पड़ती है तो इसके लिए उसे 500-500 रुपये के नोट को ही निकालना पड़ता है और यही नोट कई माह से निकल भी रहा है। इस कारण से एटीएम से लोग पैसे निकालने से भी बिदकने लगे हैं। इन दिनों शायद ही किसी ऐसे एटीएम का संचालन हो रहा हो जिसमें से 100, 200, 2000 रुपये का नोट निकल रहा हो।
जबकि एटीएम को स्थापित करते समय उम्मीद जताया गया था कि इससे उपभोक्ता जब चाहेगा अपनी आवश्यकतानुसार रुपये निकालकर अपना काम कर सकेगा। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लगाया गया एटीएम अब जी का जंजाल बना हुआ है और उपभोक्ता अपने को ठगा सा महसूस करने लगा है। आलम यह है कई महीनों से लगभग सभी बैंकों के एटीएम का हाल यह है कि उसमें से सिर्फ और सिर्फ 500 के नोट ही निकल रहे हैं। वैसे तो अमूमन अक्सर एटीएम खराब ही नजर आते थे जिसके लिए उपभोक्ताओं को अपना खुद के पैसों को लेने के लिए काफी भाग दौड़ करनी पड़ती थी।
लेकिन इन दिनों जो एटीएम काम भी कर रहे हैं उसमें से सिर्फ 500 रुपये के नोट निकलने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना ही करना पड़ रहा है। इसका मुख्य नुकसान यह है कि यदि एटीएम का उपयोग करने वाले उपभोक्ता के बैंक खाते में महज ₹400 ही बैलेंस हैं तो वह लाख कोशिशों के बावजूद उसमें से ₹200 वह नहीं निकाल पाएगा, क्योंकि उसे यदि ₹200 की आवश्यकता है तो भी उसे मजबूरन ₹500 ही निकालना पड़ेगा। इसके बाद उसे 500 रुपये का फुटकर कराने के लिए भी मजबूर होना होगा।
खास बात तो यह है कि जिस एटीएम उपभोक्ता के बैंक खाते में 400 रुपये हो और उसे 100, 200 की अचानक आवश्यकता पड़ जाय तो ऐसी स्थिति में वह एटीएम की बजाय किसी परिचित का सहारा लेने के लिए विवश दिखता है। ऐसे में यदि उसे 500 निकालना पड़े तो पहले 100 रुपये उसे अपने बैंक खाते में जमा करना ही पड़ेगा। एटीएम से 100, 200, 2000 के नोट कहाँ गायब हो गए, या क्यों नही भरे जाते यह सवाल अहम है। लेकिन एक खास बात तो यह पक्की है कि 500 रुपये के नोट से कम के नोट नही निकलने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है।